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Monday, October 31, 2011

दहेज़ के लेल एक और मैथिल बेटी के हत्या

बाबूबरही (मधुबनी) दहेज के लेल पिंकी के हत्या क साक्ष्य मिटाबाई के लेल लाश के जला देल गेल। इ आरोप लगबैत पिंकी के पिता कलुआही थाना क्षेत्र के नरार पूबारी टोला निवासी खड़ानंद झा स्थानीय थाना में कांड सं. 158/11 दर्ज करेलैठ है। थानाध्यक्ष सुरेन्द्र लाल देव मामला के तफ्तीश प्रारंभ क देलैथ है ।

दर्ज कारावल गेल प्राथमिकी में कहल गेला की इ अपन पुत्री के विवाह हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार लाखों रुपये खर्च क पांच दिसंबर 2002 को भटचौड़ा निवासी विमल झा स केने रहेत । पिंकी की दो संतानें क्रमश: आठ वर्षीया कंचन व चार वर्षीया भारती छानी। ओ कहला कि शादी के महज कुछ दिन बाद स ही पति, ससुर, उमाकांत झा, भैंसूर, देवनाथ झा, बड़ी गोतनी, सास एवं जाउत अजय कुमार झा दहेज के लिए पिंकी को प्रताड़ित करैत छलखिन। किन्तु गत दिन पिंकी की मौत के सूचना देल गेल मना करे के बाबजूद लास के आनन् फानन में जला देल गेल.

मानवीय एकता के सबस पैघ पर्व छठ


लोक आस्था आ विस्वास के सबस पैघ पर्व छठ जे बिहार आ यूपी के लोक के मुख्य रूप स मनाबैत अछी मुदा आब पर्व बिहार आ यूपी के लोकक बिच नहीं रही गेला! अहि पर्व के महत्व के आ अहि पर्व के असीम आस्था के देखैत आब छठ के दोसरो समाज के लोक सब अहि पर्व में खूब बढ़ी चढ़ी का हिस्सा लेत छैथ तकर कारण अछी आब छैठ बिहार आ यूपी स बाहरो असामी बंगली आ मारवारी मराठी आ बहुत जगह त मुस्लमानओ सब अहि पर्व के खूब धूम धाम स मनाबैत छैथ! छठ पर्व के महानता के आहा अहुना देखा सकैत छि जे अहि पर्व में समाजक हर वर्ग के कतेक उचित स्थान भेटल अछी! समूचा भारत में मानवीय एकता के अहि स पैघ उदाहरण की भेटत! छैठ पर्व पूरा समाज के एक सूत्र में बंधैत अछी! अहि पर्व के एकता महानता और अछी जे उगैत सूरज के अर्घ त सब देत अछी मुदा डूबैत सूरज के के अर्घ मात्र छट पर्व त में!
सब गोटे के छठ पर्व के बहुत बहुत शुभकामना

Sunday, October 30, 2011

बिहार के पर्व मुंबई आ देल्ही में राजनीती

आस्था आ विस्वास के सबस पैघ पर्व जे बिहार आ यूपी के लोक सब खूब धूम धाम स मनाबैत छैथ! समय के संग संग अहि क्षेत्र के लोक के पलायन सेहो भेल ओ चाहे भारत हुआ आ मोरिसस या दुनिया के अन्य कोनो भाग अहि क्षेत्र के लोक जाते गेला अपन संस्कार आ अपन पावनी तिहारी संगे ला गेला! अहि क्षेत्र के लोक जतय छैथ छठ खूब धूम धाम स मनाबैत छैथ! ओ चाहे आसाम हुआ या गुजरात! छठ पावन साल में एक टा पर्व अछी जाही में सब एकजुट भ का अहि पवन के मनाबैत छैथ! इ पावन हिनका सब के एकसूत्र में बन्हैथ छैन ! आब अहि पर्व के महानता के सुनी बहुत सारा दोसर राज्य के लोक सब सेहो हिनका सब संग मनाबैत छैथ!

बिहार आ यूपी के पर्व में पिछला किछ साल स मुंबई आ देल्ही में खूब राजनीती भ रहल अछी! छठ के आबैते देरी अहि ठाम के राजनीती पार्टी छठ के लाका खूब बयानबाजी करा लागैत छैथ! तकर कारणों छाई जे देल्ही आ मुंबई देश के अहि दुनु टा मेट्रो में बिहारक लोक के पकर हरेक क्षेत्र में खूब बढलाई या आ अहि दुटा शहर में बिहारक लोक आब वोट बैंक सेहो भ गेला ! आ अहि वोट बैंक के अपना दिस करे में अहि छठ पूजा एक टा नीक मंच भेट जैत छैन आ खूब जमी का राजनीती करैत छैथ! ओ चाहे देल्ही के यमुना घाट हुआ या मुंबई के जुहू बिच!

Saturday, October 29, 2011

पलायन लेल फेर एक बेर तैयार बिहारक मजदूर

एक बेर फेर सब मजदुर इंतजार में अछी जे कहिया छठ ख़त्म होयत । फाटल पुराण थैला व झोरा में कपड़अ -लत्ते ठूंस आ बटखर्चा के लेल चूड़ा-मूढ़ी, ठकुआ-भुसवा ले पारन के बिहाने , दोसर या तेसर दिन उपलब्ध सवारियों स ओ जयनगर अथवा दरभंगा के लेल रवाना भ जेता । ओही ठाम स ओ एक्सप्रेस अथवा सुपरफास्ट ट्रेनों स दिल्ली, चंडीगढ़, गुड़गांव, बंगलोर तथा मुंबई आदि जगह के लेल प्रस्थान क जायत । ओही में किछ अपन सीट आरक्षित करबा रखने छैथ जहानी की अधिकतर साधारण टिकटों से जेना तेना अपन गंतब्य स्थान पर जेता । छठ की तैयारी के ल क हिनकर माता आ पत्नी सब उत्साहित छैएथ त एक बेर फेर बिछरे के गम हिनका सब के आखी में सेहो छैन। ओ हिनका सब के महानगरों की शानो शौकत के सच्चे-झूठे किस्से सुनाक मन बहला रहल छथिन आ अगले फगुआ में आने के वादा कर रहल छथिन । किन्तु हुनक परिजन के बुझल छैन कि हाड़तोड़ मेहनत क क मामूली रकम कमाइ वाला के तंग कोठरियों में निर्माणाधीन छत के नीचे या फुटपाथों पर खुले आसमान के नीचे राति गुजारअ परैत छैन।मुदा करल की जायत कोनो दोसर उपायों त नै छै जे गाँवे में रहैत। नरेगा भले मंरेगा में बदली गेल हुआ मुदा एकर चाल ठाल में कोनो परिबर्तन नै भेला। ताहि स इ सब बढ़िया स बाखिव छैथ। भले नितीश के शाशन काल में बिहार बहुत बदलल होयत मुदा अखन धरी मजदुर के पलायन कोना रोकल जाई ताहि पर कोनो ठोस कदम नै उठावल गेला । सरकार अहि गप्प स नीक जाका बाखिफ अछी जे बिहारी मजदुर दोसर जगह कतेक परेशानी उठाबैत अछी आ ताहि के बादो इ सब ओही ठाम सुरक्षित नै रहैत अछी।


मशहूर चित्रकार दुलारी देवी के राज्यपाल सम्मानित करता

मिथिला चित्रकला जाने जाई वाली मशहूर चित्रकार दुलारी देवी के विद्यापति समारोह पर पटना में राज्यपाल सम्मानित करता । दुलारी देवी जिले के रांटी गांव के रहे वाली छैथ । यह सम्मान मैथिली भाषा साहित्य व सांस्कृति के लेल काम करे वाला संस्था चेतना समिति दुआरा देल जायत ।

अकादमी मधुबनी के निदेशक डा. नरेन्द्र नारायण सिंह निराला शुक्रवार क कहलें कि हुनका इ जानकारी चेतना समिति के सचिव विवेकानंद ठाकुर देलखिन । ओ कहलिन कि मिथिला चित्रकला की चित्रकार दुलारी देवी के पटना के अभियंता संघ परिसर में 8 नवंबर क प्रस्तावित विद्यापति समारोह पर राज्यपाल देवानंद कुंवर शॉल, सम्मान-पत्र, ताम्रपत्र आ नकद राशि भेंट क क सम्मानित करथिन ।

Sunday, October 23, 2011

प्राथमिक शिक्षा के स्थिती पहिले स बेसी ख़राब

नितीश कुमार के शाशन काल में बिहार सब क्षेत्र में बहुत नीक विकास केलक अछी अहि में कोनो शक नै! लेकिन गप्प अगर बिहार प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र के काल जाय त स्थिती पहिले स बेसी अखन ख़राब अछी! जहनि की शिक्षा के क्षेत्र में पहिले के अपेक्षा बहुत बेसी पैसा व्यय भ रहल अछी ! लालू यादव के समय बिहार के स्कूल सब शिक्षक के कमी स जूझी रहल छल! मुदा ताहि के वाबजूद स्कूल सब में पूर्ण रूपें शिक्षा के माहोल छल! पहिले जे स्कूल में शिक्षक होइत छाला ओ अपन कर्त्तव्य के निर्वाह बहुत ईमानदारी स करैत छाला! तकर परिणाम इ होइत छल जे सुबह १० बजे स सांझ के ४ बजे तक बच्चा स्कूल में देखाइत छल आ हर दिन स्कूल स किछ सीख अबैत छल!

मुदा वर्तमान परित्रिस्य एकदम उल्टा अछी स्कूल में शिक्षक के कमी के दूर करैक लेल पहिले शिक्षा मित्र फेर B.Ed आ फेर मैरिट लिस्ट के आधार आ फेर एक बेर तैयारी भ रहल अछी पात्रता परीक्षा के आधार पर मुदा एते प्रयास के बाबजूद बिहार में प्राथमिक शिक्षा के स्तर में बहुत गिरावट भेला! आखिर अहि गिरावट के पीछा किएक टा कारण अछी! १. शिक्षा मित्र के तहत जे शिक्षक के बहाली भेल ओही में अधिकतर ओहेन लोग के बहाली भेल जे कोनो दृष्टिकोण एकटा नीक शिक्षक के लेल यौग्य नै छिया! २. मिड मिल जे केंद्र सरकार के एकटा योजना अछी ओकर असर सेहो कतौ ने कतौ स्कूल में गलत माहोल बनेलक भले अहि में सरकार के इ दृष्टिकोण होई जे कम स कम खाना के लोभे त बच्चा स्कूल आयत मुदा एकर असर स्कूल में कतेक ख़राब अछी इ जखन आहा बिहार के कोनो स्कूल में जायब तखने स्पष्ट होयत इ हम अहि ठाम शब्द स नहीं कही सकैत छि! ३. पहिले स्कूल सब स्वतन्त्र होइत छल ओकरा ग्रामीण राजनीती स कोनो टा मतलब नै होइत छल मुदा जहिया स स्कूल में ग्रामीण राजनीती के पैठ बढ़ल ला स्कूल सचिव मुखिया आदि त एकर परिणाम सेहो नीक नहीं रहल अछी इ सब स्कूल के नीक सञ्चालन स बेसी रूचि स्कूल के मिड मिल आ अन्य कोनो स्कूल विकास के लेल जे फंड आबैत अछी ताहि पर राखैत छैथ! जकर परिणाम इ होइत अछी जे हमेशा स्कूल के शिक्षक स ल क सब अहि में उलझल रहित छैथ विद्यार्थी पढ़े वा नै ताहि दिस बेसी रूचि नै रहैत छैन!

४. शिक्षा के स्तर में कमी के एकटा और बहुत पैघ फेक्टर अछी जे अहि में कोनो सक नै जे स्कूल में विद्यार्थी के संख्या बढलाया भले ओ नामे ला स्कूल अबैत हैत स्कूल के संख्या में कोनो इजाफा नै भेला यहाँ तक की जे स्कूल पहिले प्राइमरी चल ओ आब मिडिल भगेला त स्कूल के जे छमता छै ओही स बेसी विद्यार्थी भ गनै सेहो एकटा कारण बनैत अछि!
अगर प्राथमिक शिक्षा में कमी होयत ता इ बच्चा सब के भविष्य के लेल कतेक पैघ खेलवार होयत! की खाली आकरा टा में देखबे लेल बच्चा स्कूल आबे! आ जतेक फंड आबे ओ खाली आपसी बट्बारा लेल होई!

Monday, October 10, 2011

मिथिला विभूति स्मृति पर्व समारोह नवंबर में

मिथिलांचल सर्वागीण विकास संस्थान बेनीपंट्टी के द्वारा लीलाधर उच्च विद्यालय के मैदान में आगामी 6, 7 व 8 नवंबर क आयोजित होई वाला तीन दिवसीय 20वां मिथिला विभूति स्मृति पर्व समारोह सह मैथिल महासम्मेलन के तैयारी जोरों पर चली रहल अछि । मिसविस के अध्यक्ष अमरनाथ झा भोलन, सचिव विनोद यादव, कोषाध्यक्ष भगवान कुमार झा कहलैन्न की 20वां मिथिला विभूति समारोह की तैयारी जोरों पर चल रहल अछि । 6 नवंबर को उद्घाटन, मंगलाचरण, स्मारिका विमोचन, कविगोषठी, विद्यापति गीत, मैथिली नाटक होयत । 7 को विद्यापति, सलहेश, लोड़िक, दीनाभद्री, दुलरादयाल, कारिख महराज शीत बसंत व मिथिला विभूति लोक गाथा एवं कार्यकर्ता सम्मेलन तथा 8 नवंबर को उद्घाटन, सम्मान, सांस्कृतिक कार्यक्रम, कार्यकर्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम होयत । समारोह को यादगार बनाबाई के लेल तैयारी जोरों पर चल रहल अछि ।